आखिर ऐसे आचरण से हम बिहार के माथे पर कलंक का धब्बा नहीं चिपका रहे?
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केथोलिक चर्च में समलैंगिक दुराचरण और पादरियों के द्वारा बालकों के शारीरिक शोषण का मामला पोप बेनेडिक्ट और केथोलिक चर्च की इमेज के लिए कलंक का धब्बा साबित हुआ है।
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सन २ ००० के बाद के वर्षों अर्थात २ १ वी सदी में पत्रकारिता ने मीडिया का विकराल रूप धरण कर जनता के सामने जिस विभत्सता से समाचारों को परोसा, उससे उसके पूर्वजों के माथे पर कलंक का धब्बा लगा है ।